Yoga Books in Hindi PDF Free मित्रों इस पोस्ट में Yoga in Hindi PDF के बारे दिया गया है। आप यहां से Yoga Books PDF फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं।
Yoga Books in Hindi PDF Free ( योगा बुक्स हिंदी में फ्री डाउनलोड करें )
योगा क्या है? ( What is Yoga in Hindi )
योग भारतीय ज्ञान के भंडार की एक विशिष्ट खोज है। यह बहुत ही पुरानी है और इसका उल्लेख हमारे धर्मग्रंथो में भी मिलता है। योग सिर्फ व्यायाम या फिर आसन नहीं है यह भावनाओ का एकीकरण है।
योग हमारे मन को शांत करता है। छान्दोग्य उपनिषद में भी योग की व्याख्या की गई है और भगवद्गीता के साथ ही महाभारत के शांति पर्व में भी योग का उल्लेख है। भगवान शिव को पहला योगी या आदि योगी कहा जाता है।
Yog Bhartiya Gyan Ke Bhndaar Ki Ek Vishisht Khoj Hai. Yah Bahut Hi Purani Hai Aur Isaka Ullekh Hamare Dharmagrtho Me Bhi Milata Hai.
Yog Sirf Vyayam Ya Fir Aasan Nhi Hai, Yah Bhawanao Ka Ekikarn Hai. Yog Hamare Man Ko Shant Karata Hai. Chaandogy Upnishad Me Bhi Yog Ki Vyakhya Ki Gai Hai Aur Bhagwadgita Ke Sath Hi Mahabharat Ke Shanti Parv Me Bhi Yog Ka Ullekh Hai. Bhagawan Shiv Ko Pahala Yogi Ya Aadi Yogi Kaha Jata Hai.
आज के समय में योग पूरी दुनिया में विख्यात हो चुका है। भारत में पहले स्तर पर योग दिवस मनाया जाता है। आज की भागा दौड़ी में अपने चित्त को शांत रखने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग बहुत ही जरुरी है।
योग की मान्यता हिन्दू धर्म ग्रंथो में दी गई है। पहले के समय में ऋषि मुनि योग के माध्यम से अपने शरीर को ऊर्जावान बनाते थे। हठ योग, देव योग, धराव योग जैसे विशेष योग विधिया है।
इन योग क्रियाओं को जानने के लिए योगा बुक्स डाऊनलोड कर ले और अच्छे योगा शिक्षक के सानिध्य में योग जरूर करे।
Aaj Ke Samay Me Yoga Puri Duniya Me Vikhyat Ho Chuka Hai. Bhart Me Pahale Star Par Yoga Diwas Manaya Jata Hai.
Aaj Ki Bhaga Daudi Me Apane Chitt Ko Shant Rakhane Aur Sharir Ko Swasth Rakhane Ke Liye Yog Bahut Hi Jaruri Hai.
Yog Ki Manyata Hindu Dharm Grntho Me Di Gai Hai. Pahale Ke Samay Me Rishi Muni Yog Ke Madhyam Se Apane Sharir Ko Urjawan Bnate The.
Hath Yog, Dev Yog, Dharav Yog Jaise Vishesh Yog Vidhiya Hai. In Yog Kriyayo Ko Janane Ke Liye Yoga Books Download Kar Le Aur Achhe Yoga Shikshak Ke Sanidhy Me Yog Jarur Kare.
प्राणायाम
प्राणायाम को आमतौर पर स्वांस को नियंत्रित करने की प्रक्रिया समझा जाता है, परन्तु यह इससे बहुत आगे है। प्रणायाम को समझने के पहले उसके अर्थ को समझना होगा, फिर आप प्राणायाम के बारे में बेहतर समझ पाएंगे।
प्राणायाम दो शब्दों से मिलकर बना है प्राण और आयाम। प्राण का मतलब है महत्वपूर्ण ऊर्जा या फिर जीवन शक्ति और आयाम का अर्थ है विस्तार करना। प्राणायाम के माध्यम से ऊर्जा शरीर के सभी नाड़ियो में पहुंचती है।
प्राणायाम के प्रकार कौन-कौन से है?
1- नाड़ी शोधन प्राणायाम।
2- शीतली प्राणायाम।
3- उज्जयी प्राणायाम।
4- कपालभाती प्राणायाम।
5- डिग्र प्राणायाम।
6- भास्त्रिका प्राणायाम।
7- बाह्य प्राणायाम।
8- भ्रामरी प्राणायाम।
9- अनुलोम-विलोम प्राणायाम।
10- अग्निसार प्राणायाम।
प्राणायाम के लाभ
प्राणायाम के माध्यम से अस्थमा, तनाव, हकलाना आदि बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
2- चित्त शांत और प्रसन्न रहता है।
3- नियमित प्राणायाम से आयु लंबी होती है।
4- प्राणायाम करने से शरीर, मन, आत्मा में तालमेल बना रहता है।
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