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Wah Shakti Hame Do Dayanidhe Lyrics / वह शक्ति हमें दो दयानिधे प्रार्थना

मित्रों इस पोस्ट में Wah Shakti Hame Do Dayanidhe के बारे में बताया गया है। आप नीचे वह शक्ति हमें दो दयानिधे पढ़ सकते हैं और इस प्रार्थना के बारे बहुत कुछ जान सकते हैं और आप यहां से भोजन करने से पहले जरूर बोलें यह मंत्र भी पढ़ सकते हैं।

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Wah Shakti Hame Do Dayanidhe Prayer 

 

 

 

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Wah Shakti Hame Do Dayanidhe Lyrics
वह शक्ति हमें दो दयानिधे Pdf Download
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Wah Shakti Hame Do Dayanidhe
‘प्रार्थना’ कविता के रचयिता कौन है?
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Note- इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी पीडीएफ बुक, पीडीएफ फ़ाइल से इस वेबसाइट के मालिक का कोई संबंध नहीं है और ना ही इसे हमारे सर्वर पर अपलोड किया गया है।

 

 

 

 

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मित्रो वह शक्ति हमे दो दयानिधे प्रार्थना उत्तर भारत के लगभग सभी सरकारी विद्यालयों और खासकर उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों और कुछ प्राइवेट विद्यालयों में गायी जाती है।

 

 

 

अक्सर कई बार ऐसा होता है कि छात्र Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe प्रार्थना भूल जाते है तो आज हम यह प्रार्थन दे रहे है आप उन्हें पढ़कर याद कर सकते है।

 

 

 

 

Wah Shakti Hame Do Dayanidhe Lyrics in Hindi वह शक्ति हमें दो दयानिधे प्रार्थना लिखित में

 

 

 

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्तव्य मार्ग पर डट जावें।

पर सेवा पर उपकार में हम,
जग जीवन सफल बना जावें।

हम दीन दुखी निबलों विकलों
के सेवक बन संताप हरे।

जो हैं अटके भूले भटके,
उनको तारें खुद तर जावें।

छल दम्भ द्वेष पाखण्ड झूठ-
अन्याय से निशि दिन दूर रहे।

जीवन हो शुद्ध सरल अपना,
सुचि प्रेम सुधारस बरसावें।

निज आन मान मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।

जिस देश जाति में जन्म लिया,
बलिदान उसी पर हो जावें।।

 

 

 

वह शक्ति हमें दो दयानिधे अर्थ सहित 

 

 

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्तव्य मार्ग पर डट जावें।

 

अर्थ – हे प्रभु, हमें इतनी शक्ति दें कि हम अपने कर्तव्य मार्ग पर डट जाएँ।

 

पर सेवा पर उपकार में हम,
जग जीवन सफल बना जावें।

 

अर्थ – दूसरों की सेवा कर हम अपना जीवन सफल बना लें।

 

हम दीन दुखी निबलों विकलों
के सेवक बन संताप हरे।

 

हम गरीबों, दुखियों के सेवक बन उनके दुखों को दूर करें।

 

 

जो हैं अटके भूले भटके,
उनको तारें खुद तर जावें।

 

अर्थ – जो भी भूले – भटके हैं, किसी गलत संगत में हैं उन्हें सुधारे और खुद को तार लें अर्थात जीवन सफल बना लें।

 

 

छल दम्भ द्वेष पाखण्ड झूठ-
अन्याय से निशि दिन दूर रहे।

 

अर्थ – छल, घमंड, द्वेष, पाखण्ड, झूठ, अन्याय से हमेशा दूर रहें।

 

 

जीवन हो शुद्ध सरल अपना,
सुचि प्रेम सुधारस बरसावें।

 

अर्थ- हमारा जीवन साधारण हो, हमेशा खुशहाली हो।

 

 

निज आन मान मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।

 

अर्थ – अपनी आन, मान और मर्यादा का हमेशा ध्यान रहे और उसका अभिमान भी रहे।

 

जिस देश जाति में जन्म लिया,
बलिदान उसी पर हो जावें।।

 

अर्थ – जिस  देश में जन्म लिया है, उसी पर बलिदान हो जाएँ।

 

 

Note- कई जगहों पर देश जाति की जगह देश राष्ट्र का प्रयोग होता है।

 

 

 

Wah Shakti Hame Do Dayanidhe Writer वह शक्ति हमें दो दयानिधि के रचयिता कौन हैं ?

 

 

 

Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe के रचयिता मुरारी लाल शर्मा बालबंधु है। इनका जन्म 1893 में साइमल की टिकड़ी, जिला मेरठ उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनकी मृत्यु 4 नवंबर 1961 में हुई।

 

 

 

कई जगहों पर वह शक्ति हमें दो दयानिधे के लेखक श्री परशुराम पांडेय जी को बताया गया है। वे मध्यप्रदेश के रीवा के रहने वाले थे। इसका उल्लेख पंडित रामसागर शास्त्री जी ने अपने ग्रन्थ ” विंध्य दर्शन ” के भाग 1 के पृष्ठ संख्या 380 में किया है। 

 

 

 

 

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