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Vedic Astrology Books in Hindi Pd
लघु पाराशरी Pdf
ऋषि पराशर वैदिक सूत्रों के दृष्टा और जानकर थे। इनका जन्म उच्च कुल के महर्षियो के खानदान में हुआ था। महान ऋषि वशिष्ठ जो रघुकुल वंश के कुलगुरु थे, वह ऋषि पराशर के पितामह थे।
उन्होंने ही पराशर का पालन पोषण किया था क्योंकि पराशर के पिता वशिष्ठ के पुत्र ऋषि शक्ति मुनि का दैत्यों ने संहार कर डाला था। इनकी माता का नाम अदृश्यंती था। माता से ही दैत्यों द्वारा पिता की मृत्यु पराशर मुनि को ज्ञात हुई थी।
उन्होंने अपने पिता का बदला लेने के लिए राक्षस विहीन पृथ्वी की प्रतिज्ञा कर डाली और अपनी प्रतिज्ञा को पूर्ण करने के लिए इन्होने ‘हवन’ का सहारा लिया जिसका नाम ‘राक्षस सत्र’ यज्ञ था।
ऋषि पराशर भारतीय ऋषि परंपरा की श्रेणी के महान ऋषि हुए है। इन्होने अपने तप के बल से अनेक सिद्धियों को प्राप्त किया था। ‘कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास’ के पिता यही पराशर मुनि थे।
पराशर जी ने अनेको ग्रंथ की रचना किया था। उनके द्वारा ज्योतिष शास्त्र के विषय में लिखा हुआ ग्रंथ बहुत ही महत्वपूर्ण है। इनके विषय में कहा जाता है कि कलयुग में इनके समान कोई विद्वान पैदा ही नहीं हुआ। इनके विषय में एक कथा और प्रचलित है।
आचार्य मैत्रेय ने विनती किया था की पराशर मुनि इन्हे ज्योतिष के तीन अंगो का ज्ञान प्रदान करे – गणित, संहिता और होरा इसके तीन है। जिनमे होरा शास्त्र सबसे महत्वपूर्ण है। होरा शास्त्र ऋषि पराशर के द्वारा ही रचित है। कौटिल्य शास्त्र में भी ऋषि पराशर का वर्णन मिलता है। पराशर ऋषि का नाम प्राचीन ऋषियों में बहुत ही प्रख्यात है।
भारतीय ज्योतिष विज्ञान में महर्षि पराशर का नाम अग्रणी है। महर्षि पराशर जी ने ही “वृहद पराशर होरा शास्त्र” की रचना की। वृहद पराशर होरा शास्त्र एक पूर्ण ज्योतिष शास्त्र है और इसीलिए यह सभी ज्योतिष शास्त्रीयो में विख्यात है। ऋषि पराशर महर्षि वशिष्ठ के पौत्र है।
ऋषि पराशर के पुत्र “वेदव्यास” हुए और उन्होंने “महाभारत” की रचना की। पराशर ऋषि के पिता को एक राक्षस कल्माषपाद ने खा लिया। जैसे ही ऋषि पराशर को यह बात ज्ञात हुई तो उन्होंने सम्पूर्ण राक्षसों के वध के लिए राक्षस सत्र यज्ञ आरम्भ कर दिया और इससे एक-एक करके राक्षस यज्ञ कुंड में आकर गिरने लगे।
इसपर महर्षि पुलत्स्य ने आकर पराशर जी से यज्ञ रोकने की प्रार्थना की और अहिंसा का उपदेश दिया और इसके बाद उनके पुत्र वेदव्यास ने भी इस यज्ञ को रोकने की प्रार्थना की। इसपर पराशर जी ने यज्ञ को पूर्णाहुति देकर इसे रोक दिया।
Rishi Parashar द्वारा लिखित “वृहद पराशर होरा शास्त्र” ज्योतिष विद्या की एक बहुत ही प्रमुख किताब है। इस किताब से ज्योतिष सीखने वाला एक सफल ज्योतिषी बन जाता है।
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