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Swapna Phal Lal Kitab Pdf / स्वप्न फल लाल किताब पीडीऍफ़

सिर्फ पढ़ने के लिये
इधर तो पुत्र का स्नेह है उधर वह प्रतिज्ञा ‘वचन’ है। इसलिए राजा धर्मसंकट में पड़ गए है। यदि उसे दूर कर सकते हो तो राजा की आज्ञा शिरोधार्य करो और इनके कठिन क्लेश को मिटाओ।
चौपाई का अर्थ-
1- कैकेयी बेधड़क ऐसी कटु वाणी कह रही है जिसे सुनकर स्वयं कठोरता भी व्याकुल हो उठी। जीभ धनु है वचन डंडा के समान है मानो राजा ही कोमल निशाने (लक्ष्य) के समान है।
2- इस सारे साज सामान के साथ कठोरता मानो श्रेष्ठ वीर का शरीर धारण करके धनु विद्या सीख रहा है। श्री राम जी को सारा हाल बताकर कैकेयी ऐसे बैठी है मानो निष्ठुरता शरीर धारण किए हुए है।
3- सूर्यकुल के सूर्य, स्वाभाविक ही आनंदनिधान से राम जी मन में हंसकर सब दूषणो से रहित ऐसे सुंदर और कोमल वचन बोले जो मानो वाणी के ‘श्रृंगार’ भूषण ही थे।
4- हे माता! सुनो, वही पुत्र बड़भागी जो माता-पिता के वचन का अनुराग के साथ पालन करने वाला है। आज्ञा पालन के द्वारा, माता-पिता को संकट प्रदान करने वाला पुत्र सारे संसार में हे जननी! दुर्लभ है।
41- दोहा का अर्थ-
वन में विशेष रूप से मुनियो का मिलाप होगा। जिससे मेरा सभी प्रकार से कल्याण है। उसमे भी, फिर पिता जी की आज्ञा और हे जननी! तुम्हारी भी सम्मति है।
चौपाई का अर्थ-
1- और प्राण प्रिय भरत राज्य पायेंगे। इन सब बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि विधाता आज सब प्रकार से मेरे सम्मुख अनुकूल हुए है। यदि ऐसे काम के लिए भी वन को न जाऊं तो मूर्खो के समाज में सबसे पहले मेरी गिनती होगी।
2- जो कल्पवृक्ष को छोड़कर अरड़ (रेंड) की सेवा करते है और अमृत त्यागकर विष मांग लेते है। हे माता! तुम मन में विचार देखो वह मुर्ख भी ऐसा मौका मिलने पर कभी चूक नहीं करेंगे।
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