Advertisements

Surya Ashtakam Pdf in Hindi / श्री सूर्य अष्टकम Pdf Download

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Surya Ashtakam Pdf in Hindi देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Surya Ashtakam Pdf in Hindi download कर सकते हैं और आप यहां से Aparadh Shastra Book Pdf कर सकते हैं।

Advertisements

 

 

 

 

 

 

Surya Ashtakam Pdf in Hindi 

 

 

Advertisements
Surya Ashtakam Pdf in Hindi
Surya Ashtakam Pdf in Hindi Download यहां से करे।
Advertisements

 

 

 

Advertisements
Surya Ashtakam Pdf in Hindi
Sankhya Darpan Pdf Hindi यहां से डाउनलोड करे
Advertisements

 

 

 

 

Note- इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी पीडीएफ बुक, पीडीएफ फ़ाइल से इस वेबसाइट के मालिक का कोई संबंध नहीं है और ना ही इसे हमारे सर्वर पर अपलोड किया गया है।

 

 

 

यह मात्र पाठको की सहायता के लिये इंटरनेट पर मौजूद ओपन सोर्स से लिया गया है। अगर किसी को इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी Pdf Books से कोई भी परेशानी हो तो हमें newsbyabhi247@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं, हम तुरंत ही उस पोस्ट को अपनी वेबसाइट से हटा देंगे।

 

 

 

सूर्याष्टकम स्तोत्र पाठ से लाभ

 

 

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान सूर्य के लिए रविवार के दिन को मान्यता दी गयी है। रविवार के दिन सूर्याष्टकम का पाठ करने से जातक के सभी कुंडली दोष समाप्त होकर सुख सम्पन्नता प्राप्त होती है। जीवन में ग्रह से उत्पन्न होने वाले दोष का भी शमन होता है।

 

 

 

संसार के सभी कार्य भगवान सूर्य की ऊर्जा शक्ति से ही सम्पन्न होते है। सूर्य की उपासना करने वाले व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है तथा उसके सभी कार्य निर्विघ्न सम्पन्न होते है। पुराणों में वर्णित है कि सूर्याष्टकम का शीघ्र फल प्रदान करता है।

 

 

 

सूर्याष्टकम पाठ से प्राप्त लाभ

 

 

ऋग्वेद में सूर्य तत्व के स्तंभुष्ठ 1| 111 वैदिक काल से ही सूर्य को आत्म सम्मान तथा सामाजिक प्रतिष्ठा का कारक माना जाता है।

सूर्य की अद्भुत गुरुत्वाकर्षण के कारण ही सभी ग्रह इसके आस-पास घूमते रहते है। सूर्य समस्त सृष्टि के संवाहक है। इनसे ही सभी को जीवन प्राप्त होता है अतः इन्हे सभी प्राणियों का पिता कहा गया है।

यदि कोई रविवार के दिन 11 बार सूर्य मंत्र का नियमित रूप से पाठ करता है तो वह अपने सभी कार्यो में सफलता प्राप्त करता है।

सूर्य आदित्य हृदय का पाठ के साथ ही गायत्री मंत्र का पाठ करने पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।

निःसंतान दम्पति को सूर्य की उपासना करने से संतान लाभ प्राप्त होता है।

राजनीति में भी सूर्य को राजा का दर्जा प्राप्त है। सूर्यवंशी क्षत्रिय सूर्य की सदैव उपासना से सुखी रहते थे।

सूर्य को नव ग्रहो में सम्राट कहा गया है। जातक की कुंडली में सूर्य मजबूत रहने से उसे प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।

 

 

 

मित्रों यह पोस्ट Surya Ashtakam Pdf in Hindi आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और Surya Ashtakam Pdf in Hindi की तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।

 

 

Leave a Comment

error: Content is protected !!