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‘श्रीतन्त्रालोक’ के द्वितीय संस्करण कौ प्रस्तावना लिखते हए मे अतिशय प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूं। यह ग्रन्थ आचार्य जयरथ कौ “विवेक’ टीका एवं तन्त्रसाधना के अग्रणी आचार्य श्री. परमहंस मिश्र के हिन्दी-भाषामय ‘नीरक्षीरविवेक’ -भाष्य के साथ आठ खण्डो में इस विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित हआ है।
पूरे तन्त्रालोक मे कुल ३७ आह्विक हें। ३७ आहिकों पर॒ आचार्य जयरथ की ‘विवेक’-टीका एवं आचार्य श्री परमहस मिश्र का नीरक्षीरविवेक-भाष्य कौ सामग्रियों को आठ खण्डो मे समेटा गया है। तन्त्रालोक के प्रथम खण्ड में तीन आहिक समाविष्ट है।
तन्त्रालोक के रचयिता आचार्य श्री अभिनवगुप्त का आविर्भाव इतिहास के उस कालखण्ड (९५० से १०३० ई. के मध्य) में हआ था, जब श्री शङ्कराचार्य का प्रभाव चरमोत्कर्षं पर पर्हुच चुका था। एेसे इतिहास के मोड पर श्री अभिनवगुप्तपादाचार्य ने अपनी कालजयी कृतियों की रचना की।
जिनकी अनुगृंज बाद कौ कई शताब्द्यां सुनती रहीं ओर सुन रही हैं। आचार्य शङ्कर के आभामण्डल मे अपनी कृतियों के बल पर अपने को स्थापित करना, यह श्री अभिनवगुप्तपादाचार्य की दुर्धर्ष “अस्मिता का ज्वलन्त प्रमाण है।
वस्तुतः आचार्य श्री अभिनवगुप्त की कृतियों के विश्लेषण से यह निष्कर्ष निकलता है कि उनकी साधना का प्रस्फुटन चतुरस्र चार सोपानों मे हआ-साहित्यशास््र के व्याख्याता के रूप मे, नास्यशास्त्र के व्याख्याता के रूप मे, तन्त्रशास्त्र के व्याख्याता के रूपमे एवं भक्तिशास््र के व्याख्याता के रूप मे।
श्रीतन्रालोक ग्रन्थ उनके तन्त्रशास््रीय चिन्तन का विश्वकोष माना जाता है। स्वच्छन्दतन्त्र (७।१६९) मे इसे “अशेषागमोपनिषदालोक’ कहा गया है। एसे आगमो एवं उपनिषदों के निष्कर्षभूत इस ग्रन्थ को आचार्य श्री जयरथ ने अपनी ‘विवेक’ व्याख्या के द्वारा सहज एवं सुबोध |
बनाने का आधिकारिक प्रयास किया है, जो इस ग्रन्थ के पाठक को इस ग्रन्थ की दुरूहताओं के मर्म तक पर्हचाता है ओर उन मामक गुत्थियों के भेदन का विवेक प्रदान करता हेै। एेसे महनीय आकर ग्रन्थ श्रीतन्रालोक की महनीया व्याख्या ‘विवेक’ को केन्द्र मेँ रखते हए आचार्य श्री परमहंस मिश्र ने हिन्दी भाषामय ‘नीरक्षीरविवेक’-भाष्य के द्वारा मूल ग्रन्थ एवं “विवेक व्याख्या के हार्दिक मर्म को उद्घाटित किया है।
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पुस्तक का नाम | Shri Tantraloka PDF In Hindi |
पुस्तक के लेखक | परमहंस मिश्रा |
भाषा | हिंदी |
साइज | 106.3 Mb |
पृष्ठ | 653 |
श्रेणी | धार्मिक |
फॉर्मेट |
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