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Shagun Sharma Novel in Hindi Pdf Download






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सिर्फ पढ़ने के लिये
इस शर्त को लोग बहुत ही खुशी के साथ पूरा करते थे। विपिन भारती का रोज का ही नियम था कि वह सरिता को लेकर जो अब थोड़ा-थोड़ा चलने लगी थी टहलने के लिए जाते थे। वह बहुत ही खुश थे। भगवान ने उन्हें सब कुछ दिया था। एक औलाद की ही कमी थी लेकिन भगवान ने वह भी दूसरे के माध्यम से पूरा कर दिया था।
आपा-धापी के युग में अपनी खुद की औलाद भी साथ छोड़ देती है। डा. भारती के पिता प्रताप भारती का बहुत बड़ा व्यापार था लेकिन डा. भारती को इतनी फुरसत कहाँ थी कि उनके व्यापार के विषय में बात करती लेकिन वह अपने पिता का फोन के माध्यम से सम्पर्क करती रहती थी।
उन्हें जैसे ही मालूम हुआ तो वह अपने पिता से मिलने के लिए आगरा से विपिन सरिता और कोमल के साथ अपने पैतृक गांव गंगापुर के लिए निकल पड़ी और दो घंटे के बाद ही डा. भारती आगरा से चलकर अपने पैतृक गांव गंगापुर आ गयी थी।
गांव में एक अजनबी की गाडी देखकर उसके पीछे सभी बच्चे दौड़ने लगे। डा. लिखी हुई गाडी देखकर सबके मन में कौतुहल हो उठा लेकिन वह रमापति भारती के घर के सामने ही जाकर रुक गयी। नयी उम्र के लड़के तो डा. निशा भारती को पहचान नहीं पाए।
लेकिन अधेड़ उम्र के लोग प्रताप भारती के नाम से ही निशा को पहचान सके जो उनके सामने डा. भारती के रूप में खड़ी थी। बातो से ही कुछ लोगो को मालूम हुआ कि प्रताप भारती अपने दोस्त के यहां विंदकी गांव में मिलने के लिए गए हुए है।
डा. भारती ने गाड़ी के ड्राइवर को विंदकी गांव चलने के लिए कहा जो वहां से आधा किलोमीटर की दूरी पर था। रघुराज सोनकर और प्रताप भारती दोनों बातें कर रहे थे तभी एक कार आकर रघुराज सोनकर के दरवाजे पर आकर रुक गयी।
डा. निशा भारती और विपिन भारती के साथ ही सरिता और कोमल सभी लोग उस कार से निकल आये और प्रताप भारती की तरफ बढ़ चले।
प्रताप तो निशा और विपिन को देखकर बहुत खुश हुए। निशा, विपिन, सरिता और कोमल चारो ने बारी-बारी से प्रताप और रघुराज के चरण स्पर्श किए। तभी सुधीर ने सबके लिए जलपान की व्यवस्था कर दिया। सभी लोग आपस में बातें करने लगे।
प्रताप भारती बंगलोर से अपने गांव में आये हुए थे। उनके गांव का नाम गंगापुर। गंगापुर को तो हर प्रकार से स्वच्छ और साफ होना चाहिए था लेकिंन जिस तरह से जीवन दायिनी गंगा को सभी लोगो ने अपने-अपने अथक प्रयास से दूषित या मैली करने में कोई कोर कसर छोड़ा था। वह हाल प्रताप भारती के गांव गंगापुर का था।
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