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Shabar Mantra Bhag 7 Pdf / शाबर मंत्र भाग 7 पीडीएफ



सिर्फ पढ़ने के लिए
हे देवराज इंद्र! श्री राम जी के भक्त सदा दूसरो के हित में लगे रहते है। वह दयालु होते है और दूसरों का दुःख देखकर दुखी हो जाते है। फिर भरत जी तो भक्त शिरोमणि है उनसे मत डरो।
चौपाई का अर्थ-
1- प्रभु श्री राम जी सत्य प्रतिज्ञ और देवताओ का हित करने वाले है और भरत जी श्री राम जी की आज्ञा के अनुसार ही चलने वाले है। तुम स्वार्थ के वश होकर व्यर्थ ही व्याकुल हो रहे हो। इसमें तो केवल तुम्हारा ही मोह है भरत जी का कोई दोष नहीं है।
2- देवगुरु बृहस्पति जी की श्रेष्ठ वाणी सुनकर इंद्र के मन में बड़ा आनंद हुआ और उनकी चिंता मिट गई। तब हर्षित होकर देवराज भरत जी के स्वभाव की सराहना करते हुए फूल बरसाने लगे।
3- इस प्रकार भरत जी मार्ग में चलते हुए जा रहे है। उनकी प्रेम की दशा देखकर मुनि और सिद्ध लोग भी बड़ाई कर रहे है। भरत जी जब भी ‘राम’ कहकर लंबी सांस लेते है उसी समय मानो चारो तरफ प्रेम उमड़ पड़ता है।
4- उनके प्रेम और दीनता से पूर्ण वचन सुनकर पत्थर भी पिघल जाते है। अयोध्या वासियो का प्रेम तो कहा नहीं जा सकता है, बीच में निवास करके भरत जी यमुना के तट पर आये। यमुना जी का जल देखकर उनके नेत्रों में भी जल भर आया।
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