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Santan Saptami Vrat Katha Pdf Download


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सिर्फ पढ़ने के लिये
हम तो केवल दो प्राणी है। विपिन भी पच्चास हजार के लगभग पेंशन प्राप्त करते है और हमे भी लगभग उतना ही वेतन मिलता है लेकिन आप झूठ बोल रही है डा. निशा जी। आपके घर दो लोग और है अरे हां मै बताने के लिए भूल गयी थी कि सरिता और कोमल यह भी दोनों हमारे साथ है तो भी सब कुछ ठीक चल रहा है।
आप अपना पैसा जो शुल्क के रूप में है उसे ले लीजिए। हमारे विचार से पांच हजार के करीब होगा आपके अस्पताल का शुल्क। इतना कहकर निशा ने पांच हजार रुपये डा. नवीन की तरफ बढ़ा दिए। डा. नवीन ने सिर्फ तीन हजार रुपये लेकर दो हजार लौटाना चाहा तो डा. भारती उसे वापस करते हुए कहा कि इसे किसी अनाथ की सेवा में लगा देना।
डा. नवीन हतप्रभ होकर सोचने लगा कि भगवान अच्छे लोगो के साथ ही ना इंसाफ़ी क्यों करते है। डा. निशा भारती उस अजनबी को लेकर रिक्शे में बैठ गयी और रिक्शा वाले को सरोज क्लिनीक चलने के लिए कह दिया। रिक्शे में ही डा. भारती उस अनजान आदमी से पूछने लगी कि आपका नाम क्या है आप कहां रहते हो?
वह अनजान आदमी बोला कि हमारा नाम दीपक है मैं आगरा में ही पंकज स्वीट हाउस में काम करता हूँ तथा वही पर रहता भी हूँ। मैं सच बताऊ डा. साहब मैं थोड़ा बहुत पीता हूँ उस दिन मैं पिया हुआ था तभी एक रिक्शे ने मुझे ठोकर मार दिया अगर आपने मदद नहीं क्या होता तो वहां हमारी मदद करने वाला कोई भी नहीं था।
लेकिन दीपक भाई आप जान लो कि मैं पीने वाले से बहुत नफरत करती हूँ। तभी सरोज क्लिनिक आ गया। डा. निशा ने देखा कि बाहर बहुत ही मरीजों की भीड़ लगी हुई है क्योंकि उन्हें आने में देर हो गयी थी।
नरेश अपने घर आया तभी सुधीर दौड़ते हुए रजनी के साथ नरेश के पास आकर बोला – नरेश भैया हम लोग पास हो गए है। सुधीर आगे बहुत कुछ कहता इसके पहले ही नरेश बोल उठा – हमेशा की तरह तुम दोनों ही दूसरे नम्बर पर ही पास हुए हो।
सुधीर मस्ती में बोला पहला नंबर तो हम लोगो ने अन्य के लिए हो। सुधीर मस्ती में बोला – पहला नंबर तो हम लोगो ने अन्य के लिए ही छोड़ दिया था और तीसरे नंबर की इच्छा ही नहीं है क्यों दीदी? मैं ठीक कह रहा हूँ ना। रजनी ने सहमति में सिर हिलाया।
तभी नरेश बोला – तुम लोग कभी एक नंबर पर नहीं आ सके इसलिए हमेशा बहाना बनाते हो कि हमने दूसरे के लिए ही छोड़ रखा है। नरेश की बात सुनकर रजनी और सुधीर एक दूसरे का मुंह देखने लगे जबकि सच्चाई यह थी कि सुधीर और रजनी ने कभी एक नंबर के लिए प्रयास ही नहीं किया था।
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