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Sangeet Ki Pustake Pdf Download




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सिर्फ पढ़ने के लिये
सोमवार को विद्वान पुरुष सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी आदि की पूजा करे तथा सपत्नीक ब्राह्मणो को घृतपक्व अन्न का भोजन कराये। मंगलवार को रोगो की शांति के लिए काली आदि की पूजा करे तथा उड़द एवं अरहर की दाल आदि से युक्त अन्न ब्राह्मणो को भोजन कराये।
बुधवार को विद्वान पुरुष दधियुक्त अन्न से भगवान विष्णु का पूजन करे। ऐसा करने से हमेशा मित्र, पुत्र और कलत्र आदि की पुष्टि होती है। जो दीर्घायु होने की इच्छा रखता हो वह गुरुवार को देवताओ की पुष्टि के लिए वस्त्र, घृत मिश्रित खीर तथा यज्ञोपवीत से यजन पूजन करे।
भोगो की प्राप्ति के लिए शुक्रवार को एकाग्रचित होकर देवताओ का पूजन करे और ब्राह्मणो की तृप्ति के लिए षडरस युक्त अन्न दे। इसी प्रकार स्त्रियों की प्रसन्नता के लिए सुंदर वस्त्र आदि का विधान करे। शनैश्चर अपमृत्यु का निवारण करने वाला है। उस दिन बुद्धिमान पुरुष रूद्र आदि की पूजा करे।
तिल के होम से, दान से, देवताओ को संतुष्ट करके ब्राह्मणो को तिल मिश्रित अन्न भोजन कराये। जो इस तरह देवताओ की पूजा करेगा वह आरोग्य आदि फल का भागी होगा। देवताओ के नित्य पूजन, स्नान, जप, विशेष पूजन, दान होम तथा ब्राह्मण तर्पण आदि में एवं रवि आदि वारो में विशेष तिथि और नक्षत्रो का योग प्राप्त होने पर विभिन्न देवताओ के पूजन में सर्वज्ञ जगदीश्वर भगवान शिव ही उन-उन देवताओ के रूप में पूजित हो सब लोगो को आरोग्य आदि फल प्रदान करते है।
पात्र, द्रव्य, देश, काल, श्राद्ध एवं लोक के अनुसार उनके तारतम्य क्रम का ध्यान रखते हुए महादेव जी आराधना करने वाले लोगो को आरोग्य आदि फल देते है। शुभ के आरंभ में और अशुभ के अंत में तथा जन्म नक्षत्रो के आने पर गृहस्थ पुरुष अपने घर में आरोग्य आदि की समृद्धि के लिए सूर्य आदि ग्रहो का पूजन करे।
इससे सिद्ध है कि देवताओ का यजन सम्पूर्ण अभीष्ट वस्तुओ को देने वाला है। ब्राह्मणो देवयजन कर्म वैदिक मंत्र के साथ होना चाहिए। शूद्र आदि दूसरों का देवयज्ञ तांत्रिक विधि से होना चाहिए। शुभ फल की इच्छा रखने वाले मनुष्यो को सातो ही दिन अपनी शक्ति के अनुसार हमेशा पूजन करना चाहिए।
निर्धन मनुष्य तपस्या द्वारा और धनी धन के द्वारा देवताओ की आराधना करे। यह बार-बार श्रद्धापूर्वक इस तरह से धर्म का अनुष्ठान करता है और बारंबार पुण्य लोको में अनेक प्रकार के फल भोग कर पुनः इस धरती पर जन्म लेता है। धनवान पुरुष हमेशा भोग सिद्धि के लिए मार्ग में वृक्षादि लगाकर लोगो के लिए छाया की व्यवस्था करे।
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