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Sampurna Yog Vidya Pdf / सम्पूर्ण योग विद्या पीडीएफ




सिर्फ पढ़ने के लिए
3- हममे तो स्वप्न में भी धर्म बुद्धि नहीं होती है। यह सब तो रघुनाथ जी के दर्शन का प्रभाव है। जब से हमने प्रभु के चरण कमल देखे है तब से हमारे दुःख और दोष मिट गए है। वनवासियों के प्रेम को देखकर अयोध्या के लोग भी प्रेम पूरित होकर उनके भाग्य को सराहने लगे।
छंद का अर्थ-
सब उनके भाग्य की सराहना करते हुए प्रेम के वचन सुनाने लगे। उन लोगो के बोलने और मिलने का ढंग तथा सीता राम के चरणों में उनका प्रेम देखकर सबको सुख मिल रहा है।
उनकी वाणी सुनकर सभी नर-नारी अपने को धिक्कारते है। तुलसीदास जी कहते है कि यह रघुनाथ जी की कृपा है कि लोहा नौका को अपने ऊपर लेकर तैर रहा है।
251- दोहा का अर्थ-
सब लोग प्रतिदिन आनंदित होते हुए वन में चारो ओर भ्रमण करते है जैसे पहली वर्षा होने पर मोर और मेढ़क प्रसन्न होकर नाचते कूदते है।
चौपाई का अर्थ-
1- अयोध्यापुरी के सब स्त्री-पुरुष प्रेम में मग्न हो रहे है, उनके दिन एक पल में ही बीत रहे है। जितनी सासुएँ थी, उतने ही वेश (रूप) बनाकर सीता जी उनकी आदर पूर्वक सेवा करती है।
2- श्री राम जी के सिवा इस भेद को कोई नहीं जान पाया। सब माताए (पराशक्ति महामाया) की माया में ही है। सीता जी ने सासुओ को सेवा करके वश में कर लिया है। उन्होंने सुख पाकर सीख और आशीर्वाद दिए।
3- सीता जी के साथ दोनों भाइयो (राम-लक्ष्मण) का सरल स्वभाव देखकर कुटिल रानी कैकेयी बहुत पछतायी। वह पृथ्वी और यमराज से अपनी मृत्यु के लिए याचना करती है। लेकिन उसे धरती भी अपने अंदर समाहित होने के लिए रास्ता नहीं देती है और विधाता भी उसे नहीं बुलाते है।
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