Advertisements

Raghuvansham Pdf in Hindi / रघुवंशम Pdf Download

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Raghuvansham Pdf in Hindi देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Raghuvansham Pdf in Hindi Download कर सकते हैं और आप यहां से Bihar Ek Parichay Pdf कर सकते हैं।

Advertisements

 

 

 

 

 

 

Raghuvansham Pdf in Hindi Download

 

 

 

पुस्तक का नाम  Raghuvansham Pdf in Hindi
पुस्तक के लेखक  कालिदास 
फॉर्मेट  Pdf 
साइज  41 Mb 
पृष्ठ  580 
भाषा  हिंदी 
श्रेणी 

 

 

 

Advertisements
Raghuvansham Pdf in Hindi
Raghuvansham Pdf in Hindi यहां से डाउनलोड करे।
Advertisements

 

 

Advertisements
Jhootha Sach Novel Pdf
झूठा सच उपन्यास Pdf Download
Advertisements

 

 

Advertisements
jhooth Sach Novel Pdf
झूठ सच उपन्यास Pdf Download
Advertisements

 

 

Advertisements
Raghuvansham Pdf in Hindi
Lingashtakam Pdf in Hindi यहां से डाउनलोड करे।
Advertisements

 

 

 

 

 

Note- इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी पीडीएफ बुक, पीडीएफ फ़ाइल से इस वेबसाइट के मालिक का कोई संबंध नहीं है और ना ही इसे हमारे सर्वर पर अपलोड किया गया है।

 

 

 

यह मात्र पाठको की सहायता के लिये इंटरनेट पर मौजूद ओपन सोर्स से लिया गया है। अगर किसी को इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी Pdf Books से कोई भी परेशानी हो तो हमें newsbyabhi247@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं, हम तुरंत ही उस पोस्ट को अपनी वेबसाइट से हटा देंगे।

 

 

 

रघुवंशम महाकाव्य Pdf

 

 

 

यह ग्रंथ अपने नाम के अनुरूप ही स्पष्ट रूप से कह देता है कि इसमें रघुकुल में उत्पन्न होने वाले राजाओ का वर्णन है। रघुकुल के सभी राजा समाज में आदर्श स्थापित करने में सफल हुए थे। इनमे रघु, अज, दिलीप, दशरथ, राम तथा कुश का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है।

 

 

रघुवंश महाकाव्य में प्रभु श्री राम का वर्णन विशेष रूप से किया गया है। कालीदास की प्रथम दो कृतियों का नाम कुमार संभव और मेघदूत है और तीसरी कृति का नाम रघुवंश महाकाव्य है। महाकवि कालीदास के विषय में किवदंती है कि वह महानिपट मुर्ख थे।

 

 

 

उनकी पत्नी विद्योत्तमा जो विद्या में बहुत ही उत्तम थी। उस विदुषी को जब कालीदास की वास्तविकता का ज्ञान हुआ तो उसने कालीदास के लिए अपने घर के द्वार बंद कर दिए।

 

 

 

कालीदास बहुत मर्माहत होकर घर से निकल गए और साधना करते हुए विद्यार्जन किया और विद्वान बनकर घर लौट आये तथा घर के द्वार पर दस्तक देकर द्वार का कपाट खटखटाते हुए कहा द्वारं देहि अनावृत कपाटम।

 

 

 

यह सुनकर विद्योत्तमा ने पूछा अस्ति कश्चित वाग विशेषः और प्रचलित कथा के अनुसार उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा कहे गए प्रथम तीन शब्दों को लेकर ही तीन वाक्यों की रचना कर दिया। अस्ति शब्द से कुमार संभव का प्रथम श्लोक कश्चित से मेघदूत का प्रथम श्लोक और वाक् से रघुवंश के प्रथम श्लोक की रचना कर दिया।

 

 

 

 

मित्रों यह पोस्ट Raghuvansham Pdf in Hindi आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और Raghuvansham Pdf in Hindi की तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें और इसे शेयर भी करें।

 

 

 

Leave a Comment

error: Content is protected !!