Advertisements

Panchmukhi Hanuman Kavach in Hindi Pdf / हनुमान कवच पाठ हिंदी में

मित्रों इस पोस्ट में Panchmukhi Hanuman Kavach in Hindi दिया गया है।  हनुमान कवच पाठ करने से बहुत लाभ मिलता है। आप नीचे Panchmukhi Hanuman Kavach Stotra पढ़ सकते हैं और आप यहां से  सुंदरकांड पाठ हिंदी में Pdf Download कर सकते हैं।

Advertisements

 

 

 

 

 

 

 

Panchmukhi Hanuman Kavach in Hindi Pdf 

 

 

 

महावीर पंचमुखी हनुमान की पूजा कभी व्यर्थ नहीं जाती है। जो पंच महाभूत है। उनकी बागडोर पंचमुखी हनुमान जी के हाथो में होने से हनुमान जी अपने भक्तो को पांच महालाभ प्रदान करने में सर्वथा ही समर्थ है और फाल्गुन मास में पंचमुखी हनुमान जी की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए। जिससे भक्त को हनुमान जी का अनुग्रह अति शीघ्र प्राप्त होने लगता है।

 

 

 

 

1. धन लाभ – हनुमान मंदिर में जाकर एक दीपक जला दे फिर एक नारियल लेकर उसपर चावल सिंदूर और पीले फूल चढ़ाकर उस नारियल की पूजा करने के बाद उसे बजरंग बली को अर्पित कर दे और नारियल के ऊपर कलावा बांधना न भूले और घर आकर हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य ही करे। आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।

 

 

 

 

2. जीवन की हर परीक्षा में सफलता – हनुमान मंदिर में जाकर एक त्रिकोण के आकार की पताका लगाए उसका रंग नारंगी होना चाहिए, ततपश्चात पांच अनार और लड्डू हनुमान जी की सेवा में समर्पित करने के बाद कपूर से आरती अवश्य करे सफलता मिलेगी।

 

 

 

3. भक्त के ऊपर कोई भी बाधा हो उसका निवारण – हनुमान मंदिर में जाकर एक शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करे। ग्यारह स्वच्छ पीपल के पत्ते लेकर उन पत्तो के ऊपर चंदन या सिंदूर से श्री राम लिखना चाहिए और उन पत्तो की माला बनाकर हनुमान जी को अर्पित करने से हर परेशानी से छुटकारा संभव हो जाता है।

 

 

 

4. शत्रुओ को पराजित करने के लिए – अपने घर के अंदर या बाहर दक्षिण की तरफ एक महावीर हनुमान की फोटो लगाए। फोटो ऐसे प्रतीत होगी जैसे महावीर हनुमान दक्षिण की तरफ देखते हुए प्रतीत होते है। उनके आगे जमीन पर एक दीपक जलाकर रख दे और प्रतिदिन उनकी पूजा करने से आपका शत्रु पराजित होगा।

 

 

 

5. नौकरी व्यापार की सफलता के लिए – पंचमुखी हनुमान को एक लाल लंगोट चढ़ाए। उनकी मूर्ति के सामने तिल के तेल का जलता हुआ दीपक रखे। उस दीपक में एक चुटकी नारंगी सिंदूर डाल दे, प्रसाद अर्पण करे, फिर तीन मंगलवार व्रत करने से व्यापार में लाभ होगा।

 

 

 

पंचमुखी हनुमान कवच pdf download

 

 

 

Pdf Book Name Panchmukhi Hanuman Kavach in Hindi Pdf
Language Hindi, Sanskrit
Pages 15
Pdf Size 0.66 Mb
Category Dharmik

 

 

 

Advertisements
Panchmukhi Hanuman Kavach in Hindi
पंचमुखी हनुमान कवच पीडीएफ डाउनलोड 
Advertisements

 

 

 

श्री गणेशाय नम: —

 

ओम अस्य श्रीपंचमुख हनुम्त्कवचमंत्रस्य ब्रह्मा रूषि:

 

गायत्री छंद्:—-

 

पंचमुख विराट हनुमान देवता| र्‍हीं बीजम्।
श्रीं शक्ति:| क्रौ कीलकम्| क्रूं कवचम्।
क्रै अस्त्राय फ़ट्| इति दिग्बंध्:.
श्री गरूड उवाच्|.
अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि।

 

श्रुणु सर्वांगसुंदर| यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमत्: प्रियम्।1 ।.

पंचकक्त्रं महाभीमं त्रिपंचनयनैर्युतम्| बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिध्दिदम्||२||

पूर्वतु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभम्| दंष्ट्राकरालवदनं भ्रुकुटीकुटिलेक्षणम्||३||

अस्यैव दक्षिणं वक्त्रं नारसिंहं महाद्भुतम्| अत्युग्रतेजोवपुष्पंभीषणम भयनाशनम्||४||

पश्चिमं गारुडं वक्त्रं वक्रतुण्डं महाबलम्| सर्वनागप्रशमनं विषभूतादिकृन्तनम्||५||

 

 

 

 

उत्तरं सौकरं वक्त्रं कृष्णं दिप्तं नभोपमम्| पातालसिंहवेतालज्वररोगादिकृन्तनम्| ऊर्ध्वं हयाननं घोरं दानवान्तकरं परम्| येन वक्त्रेण विप्रेन्द्र तारकाख्यमं महासुरम्||७||

जघानशरणं तस्यात्सर्वशत्रुहरं परम्| ध्यात्वा पंचमुखं रुद्रं हनुमन्तं दयानिधिम्||८||

खड्गं त्रिशुलं खट्वांगं पाशमंकुशपर्वतम्| मुष्टिं कौमोदकीं वृक्षं धारयन्तं कमण्डलुं||९||

भिन्दिपालं ज्ञानमुद्रा दशभिर्मुनिपुंगवम्| एतान्यायुधजालानि धारयन्तं भजाम्यहम्||१०||

प्रेतासनोपविष्टं तं सर्वाभरण्भुषितम्| दिव्यमाल्याम्बरधरं दिव्यगन्धानु लेपनम सर्वाश्चर्यमयं देवं हनुमद्विश्वतोमुखम्||११||

पंचास्यमच्युतमनेकविचित्रवर्णवक्त्रं शशांकशिखरं कपिराजवर्यम्| पीताम्बरादिमुकुटै रूप शोभितांगं पिंगाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि||१२||

मर्कतेशं महोत्राहं सर्वशत्रुहरं परम्| शत्रुं संहर मां रक्ष श्री मन्नपदमुध्दर||१३||

ओम हरिमर्कट मर्केत मंत्रमिदं परिलिख्यति लिख्यति वामतले| यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं यदि मुंच्यति मुंच्यति वामलता||१४||

ओम हरिमर्कटाय स्वाहा ओम नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय सकलशत्रुसंहारकाय स्वाहा|

ओम नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाया|

ओम नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गरूडाननाय सकलविषहराय स्वाहा|

 

ओम नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय सकलसंपत्कराय स्वाहा|

 

ओम नमो भगवते पंचवदनाय उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय सकलजनवशकराय स्वाहा|

||ओम श्रीपंचमुखहनुमंताय आंजनेयाय नमो नम: ||

 

 

 

मित्रों यह पोस्ट Panchmukhi Hanuman Kavach in Hindi आपको कैसी लगी जरूर बताएं और इस तरह की दूसरी पोस्ट के लिए इस ब्लॉग को सब्स्क्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।

 

 

Leave a Comment

error: Content is protected !!