नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Nakshatra Jyotish Books In Hindi Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Nakshatra Jyotish Books Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से 5 + Best Astrology Books In Hindi Pdf पढ़ सकते हैं और डाउनलोड कर सकते हैं।
Nakshatra Jyotish Books In Hindi Pdf



सिर्फ पढ़ने के लिए
3- हे नाथ! सब लोग यहां अत्यंत दुखी हो रहे है। कंद, मूल, फल और जल का ही आहार करते है। भाई शत्रुघ्न सहित भरत को मंत्रियों को और सब माताओ को देखकर मुझे एक-एक पल युग के समान बीत रहा है।
4- अतः सबके साथ आप भी अयोध्यापुरी को लौट जाइये। आप यहां है और राजा अमरावती (स्वर्ग) में है अयोध्या सूनी है। मैंने बहुत कह डाला, यह सब बड़ी ढिठाई की है। हे गोसाई! जैसा उचित हो वैसा ही कीजिए।
248- दोहा का अर्थ-
वशिष्ठ जी ने कहा – हे राम! तुम धर्म के सेतु और दया के धाम हो तुम भला ऐसा क्यों न कहो? लोग। दो दिन तुम्हारा दर्शन करके शांति लाभ कर ले।
चौपाई का अर्थ-
1- श्री राम जी का वचन सुनकर सारा समाज भयभीत हो गया। मानो बीच समुद्र में जहाज डगमगाने लगा हो। परन्तु जब उन्होंने गुरु वशिष्ठ की श्रेष्ठ और कल्याणप्रद वाणी सुनी तो उस जहाज के लिए मानो हवा अनुकूल हो गयी।
2- सब लोग पयस्विनी नदी के पवित्र जल में तीनो समय स्नान करते है, जिसके दर्शन से ही पाप समूह नष्ट हो जाते है और मंगलमूर्ति श्री राम जी को दंडवत प्रणाम करके उन्हें नयन भरकर देखते है।
3- जब श्री राम जी का पर्वत (कामदगिरि) और वन को देखने जाते है जहां सभी सुख है और वहां दुखो का अभाव है। झरनो से अमृत के समान जल बह रहा है और शीतल, मंद और सुगंध तीन प्रकार की हवा तीन प्रकार के तापो को (आध्यात्मिक, अधिभौतिक, आधिदैविक) हर लेती है।
4- नाना प्रकार के वृक्ष, लताएं और तृण है तथा अनेक तरह के फूल, फल तथा पत्ते है। सुंदर शिलाये है, वृक्षों की शोभा सुख देने वाली है, वन की शोभा का वर्णन कौन कर सकता है।
मित्रों, यह पोस्ट Nakshatra Jyotish Books In Hindi Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और इस तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।