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Kiro Hast Rekha in Pdf / कीरो हस्त रेखा ज्ञान इन हिंदी पीडीएफ


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सिर्फ पढ़ने के लिये
जिसमे तुम्हारा मन रच-बस गया है वही स्वभाव से सुंदर सांवला वर (श्री राम जी) तुमको मिलेगा। वह दया के धाम सुजान (सर्वज्ञ) है, तुम्हारे शील और स्नेह को जानते है।
इस प्रकार गौरी जी का आशीर्वाद सुनकर, जानकी जी समेत सब सखियां मन में हर्षित हुई, और भवानी जी को बार-बार पूजकर सीता जी प्रसन्न मन से राजमहल को चली गई।
236- दोहा का अर्थ-
गौरी जी को अनुकूल जनकर सीता जी को जो हर्ष हुआ वह कहा नहीं जा सकता है, सुंदर मंगलो के मूल उनके बाये अंग फडकने लगे।
चौपाई का अर्थ-
1- हृदय में सीता जी के सौंदर्य की सराहना करते हुए दोनो भाई गुरु जी के पास गए। श्री राम जी ने सब कुछ कह दिया क्योंकि उनका स्वभाव एकदम सरल है। छल तो उन्हें छूता भी नहीं है।
2- फूल पाने पर मुनि ने पूजा किया। फिर दोनों भाइयो को आशीर्वाद दिया कि तुम्हारे मनोरथ सफल हो, यह सुनकर राम लक्ष्मण सुखी हुए।
3- श्रेष्ठ विज्ञानी मुनि विश्वामित्र जी भोजन करके कुछ प्राचीन कथाये कहने लगे, इतने में दिन बीत गया और दोनों भाई गुरु की आज्ञा पाकर संध्या वंदन करने चले गए।
4- पूर्व दिशा में चन्द्रमा उदय हो गया। श्री राम जी ने उसे सीता के मुख समान देखकर सुख पाया। फिर मन में विचार किया कि वह चन्द्रमा सीता के मुख के समान नहीं है।
237- दोहा का अर्थ-
खारे समुद्र में इसका जन्म, फिर विष इसका भाई, यह शोभाहीन मलिन रहता है। यह दागयुक्त कलंकित है, बेचारा गरीब चन्द्रमा सीता के मुख की बराबरी कैसे कर सकता है।
यहां पर मुनियो का समाज है और तीर्थराज का स्थान भी है। यहां सच्ची सौगंध खाने से बहुत हानि होती है। इस स्थान में बनावटी बात कहने से उसके समान कोई पाप नहीं है।
2- मैं सच्चे भाव से कहता हूँ, आप सर्वज्ञ है और रघुनाथ जी हृदय के भीतर की बात जानने वाले है। यदि मैं कुछ भी असत्य कहूंगा तो आपसे और श्री राम जी से छिपा नहीं रह सकता है। मुझे माता कैकेयी की करनी का कुछ भी सोच नहीं है और न मुझे इस बात का कोई दुःख है कि यह जगत मुझे बुरा समझेगा।
3- न मुझे अपने परलोग बिगड़े जाने का डर है। न पिता जी के मरने का कोई शोक है क्योंकि उनका सुंदर पुण्य और यश विश्व भर में सुशोभित है कि उन्होंने श्री राम और लक्ष्मण जैसे पुत्र प्राप्त हुए।
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