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Kattarvad pdf Hindi Pdf Download
पुस्तक का नाम | Kattarvad pdf |
पुस्तक के लेखक | डा. भीमराव अम्बेडकर |
श्रेणी | History |
फॉर्मेट | |
भाषा | हिंदी |
साइज | 1.62 Mb |
कुल पृष्ठ | 34 |



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सिर्फ पढ़ने के लिये
व्यवस्थापक के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है और बाक़ी के आधे हिस्से का मालिक व्यवस्थापक ही रहेगा। यह सब कागजात मैंने पहले से ही तैयार करवा लिए है। नरेश और विवेक जिस दिन यहां आयेंगे उसी दिन उनके हस्ताक्षर कराकर सारे कागजात कोर्ट में सुरक्षित कराकर रख दिए जायेंगे।
एक-एक प्रतिलिपि निशा भारती और नरेश विवेक के पास दे दी जाएगी। इतना कहते हुए प्रताप बोले तुम यह सब नरेश विवेक समझा देना। एक सप्ताह के बाद मैं गंगापुर में आकर तुमसे बात करूँगा इसके बाद प्रताप ने फोन रख दिया।
नरेश प्रजापति और विवेक जो रघुराज के पास बैठे हुए प्रताप और रघुराज के मध्य की सारी बातें सुन रहे थे अब उनके पास बंगलोर जाकर प्रताप भारती की कम्पनी की व्यवस्था संभालने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था क्योंकि अब उनकी सभी समस्या का समाधान हो गया था।
प्रताप के नहीं रहने पर भी सरोज सेवा केंद्र को चालू रखना था। कम्पनी का विघटन होने पर भी दोनों पक्ष की तरफ से सरोज सेवा केंद्र को सहायता प्रदान करनी होगी। इस बातो से नरेश और विवेक दोनों पूरी तरह से आश्वस्त हो गए थे और रघुराज के समक्ष बंगलोर जाने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दिए थे।
प्रताप ने डा. निशा भारती को फोन पर ही सारी बातें कह दिया था कि वह नरेश और विवेक को संयुक्त रूप से अपनी कम्पनी का व्यवस्थापक नियुक्त कर रहे है। निशा खुश होते हुए बोली पिता जी आप योग्य हाथो में कम्पनी की व्यवस्था सौप रहे है।
एक दिन सुधीर और रजनी अपने ऑफिस में बैठकर किसी बात पर चर्चा कर रहे थे तभी सुधीर बोला दीदी क्यों न हम अपनी कम्पनी के बने हुए उत्पाद को भारत से बाहर निर्यात करे क्योंकि बाहर देशो में बांस की बनी हुई वस्तुओ का बहुत ज्यादा मांग है।
दूसरी बात जो सबसे महत्वपूर्ण है वह कि हमारी कम्पनी का नाम जन समुदाय के बीच विश्वास का प्रतीक बन चुका है जो सोने पर सुहागा बन गया है क्योंकि जन मानस का विश्वास प्राप्त करना सबसे बड़ी कामयाबी होती है। रजनी बोली तुम्हारा विचार तो बहुत ही अच्छा है।
लेकिन हम लोग अपनी कम्पनी के उत्पाद और उसकी गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते है अगर हमे उत्पाद और गुणवत्ता में थोड़ी सी भी लापरवाही बरती कि समझो अर्श से फर्श पर आने में देर नहीं लगेगी। सुधीर बोला दीदी अगर हम लोग दो स्वचालित मशीन लगा दे तो हमारे कम्पनी में उत्पाद तीव्र हो जायेगा।
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