नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Indian river map in Hindi Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Indian river map in Hindi Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से योगासन चित्र सहित नाम और लाभ pdf Download कर सकते हैं।
Indian river map in Hindi Pdf Download
पुस्तक का नाम | Indian river map in Hindi Pdf |
भाषा | हिंदी |
साइज | 300 Kb |
पृष्ठ | 5 |
श्रेणी | Map |
फॉर्मेट |


Note- इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी पीडीएफ बुक, पीडीएफ फ़ाइल से इस वेबसाइट के मालिक का कोई संबंध नहीं है और ना ही इसे हमारे सर्वर पर अपलोड किया गया है।
यह मात्र पाठको की सहायता के लिये इंटरनेट पर मौजूद ओपन सोर्स से लिया गया है। अगर किसी को इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी Pdf Books से कोई भी परेशानी हो तो हमें [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं, हम तुरंत ही उस पोस्ट को अपनी वेबसाइट से हटा देंगे।
सिर्फ पढ़ने के लिये
उसके प्रकाश से अविद्या का प्रबल अंधकार मिट जाता है। मद आदि पतंगो का सारा समूह हार जाता है। जिसके हृदय में भक्ति का वास होता है काम, क्रोध और लोभ आदि तो उसके पास भी नहीं जाते है। उसके लिए विष अमृत के समान और शत्रु मित्र हो जाता है।
उसे मणि के बिना किसी को भी सुख नहीं प्राप्त होता है। बड़े-बड़े मानस रोग जिनके वश होकर सब जीव दुखी हो रहे है उसको नहीं व्यापते है।
श्री राम भक्ति रूपी मणि जिसके हृदय में बसती है उसे स्वप्न में भी लेश मात्र दुःख नहीं होता। जगत में वही मनुष्य चतुर शिरोमणि है जो उस भक्ति रूपी मणि के लिए भली प्रकार से प्रयास करते है।
यद्यपि वह मणि जगत में प्रत्यक्ष है पर बिना श्री राम जी की कृपा से कोई उसे प्राप्त नहीं कर सकता। उसे प्राप्त करने का उपाय भी सुगम ही है पर अभागे मनुष्य उन्हें ठुकरा देते है। .वेद-पुराण पवित्र पर्वत है। श्री राम जी की नाना प्रकार की कथाये उन पर्वतो में सुंदर कथाओ के भंडार है।
संत पुरुष इन भंडार के रहस्य को जानने वाले मर्मी है और सुंदर बुद्धि कुदाल है। हे गरुण जी! ज्ञान और वैराग्य यह दो उनके नेत्र है।
जो प्राणी उसे प्रेम के साथ ढूंढता है वह सब सुखो का भंडार इस मणि को प्राप्त कर लेता है। हे प्रभो! मेरे मन में तो ऐसा विश्वास है कि श्री राम जी के दास श्री राम जी से भी बढ़कर है।
श्री राम जी समुद्र है तो धीर संत पुरुष मेघ है। श्री हरि चंदन के वृक्ष है तो संत पवन है। सब साधन का फल तो सुंदर हरि की भक्ति है।
उसे संत के बिना किसी ने नहीं प्राप्त किया। ऐसा विचारकर जो भी संतो का संग करता है, हे गरुण जी! उसके लिए श्री राम जी की भक्ति सुलभ हो जाती है।
दोहा का अर्थ-
ब्रह्म वेद समुद्र है, ज्ञान मंदराचल है और संत देवता है जो समुद्र को मथकर कथा रूपी अमृत निकालते है जिसमे भक्ति रूपी मधुरता बसी रहती है।
वैराग्य रूपी ढाल से अपने को बचाते हुए ज्ञान रूपी तेज से मोह रूपी बैरी का अंत कर जो विजय प्राप्त होती है वह हरि भक्ति ही है। हे पक्षीराज! इसे विचारकर देखिए।
चौपाई का अर्थ-
पक्षीराज गरुण जी फिर प्रेम सहित बोले – हे कृपालु! यदि मुझपर आपका प्रेम है तो हे नाथ! मुझे अपना सेवक जानकर मेरे सात प्रश्नो का उत्तर बखान कर कहिए।
हे नाथ! हे धीर बुद्धि! पहले तो यह बताइये कि सबसे दुर्लभ कौन सा शरीर है? फिर सबसे बड़ा दुःख कौन है और सबसे बड़ा सुख कौन है। यह भी विचारकर संक्षेप में कहिए।
मित्रों यह पोस्ट Indian river map in Hindi Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और इस तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।