नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Ek Tukda Gayab Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Ek Tukda Gayab Pdf download कर सकते हैं और आप यहां से Sahitya Darpan Pdf कर सकते हैं।
Ek Tukda Gayab Pdf
पुस्तक का नाम | Ek Tukda Gayab Pdf |
पुस्तक के लेखक | दीपक थानवी |
साइज | 2.2 Mb |
पृष्ठ | 14 |
भाषा | हिंदी |
फॉर्मेट | |
श्रेणी | बालक पुस्तके |
एक टुकड़ा गायब Pdf Download
Note- इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी पीडीएफ बुक, पीडीएफ फ़ाइल से इस वेबसाइट के मालिक का कोई संबंध नहीं है और ना ही इसे हमारे सर्वर पर अपलोड किया गया है।
यह मात्र पाठको की सहायता के लिये इंटरनेट पर मौजूद ओपन सोर्स से लिया गया है। अगर किसी को इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी Pdf Books से कोई भी परेशानी हो तो हमें [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं, हम तुरंत ही उस पोस्ट को अपनी वेबसाइट से हटा देंगे।
सिर्फ पढ़ने के लिये
शिवाजी एक कट्टर हिन्दू थे. उनके साम्राज्य में मुसलमानों को धार्मिक आजादी थीं. शिवाजी महाराज कई मुसलमानों के मस्जिदों आदि के निर्माण कार्यो के लिये भी अनुदान देते थे. उनके द्वारा हिन्दू पंडितो, मुसलमानों, संत और फकीरों को सम्मान प्राप्त था।
शिवाजी हिन्दू को ज्यादातर सम्मान और बल देते थे. शिवाजी ने हिन्दू मूल्यों और शिक्षा पर भी जोर दिया था। 1594 में शिवाजी महाराज के पिता जी शाहजी भोसलें का जन्म
1596 में शिवाजी की माँ का जन्म
1627 छत्रपति शिवाजी का जन्म
1630 से लेकर 1631 तक महाराष्ट्र राज्य में अकाल की समस्या पैदा हुई थीं
1640 में शिवाजी महाराज और साईं-बाई का विवाह
1646 में शिवाजी जी ने पुणे के तोरण दुर्ग पर अपना अधिकार जमा लिया था
1656 में शिवाजी ने चंद्रराव मोरे से जावली जीता था
1659 में छत्रपति शिवाजी ने अफजल खान का वध किया था
1659 के समय शिवाजी ने बीजापुर पर अधिकार किया था
1666 में शिवाजी महाराज आगरा के जेल से भाग निकले थें
1668 शिवाजी और औरंगजेब के बीच एक संधि
1670 में दूसरी बार सूरत पर हमला किया था
1674 शिवाजी महाराज को छत्रपति की उपाधि से सम्मानित किया गया था
1680 में छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु
आज भले ही हम सब के बीच शिवाजी महाराज का इतिहास ही रह गया हो लेकिन उनक जीवन चरित्र आज भी हर व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा है. अगर कुछ बड़ा करने की जिद हो तो उसे पाना आसान हो जाता है। अहिल्याबाई होल्कर इंदौर घराने की महारानी थी।
अहिल्याबाई होल्कर अपने देश की सेवा, सादगी एवं मातृभूमि के लिए बहुत ही अच्छी साबित हुई। अहिल्याबाई एक स्त्री होने के कारण भी उन्होंने न केवल नारी जाति के विकास के लिए कार्य किए बल्कि समस्त पीड़ित मानवों के लिए कार्य किया।
अहिल्याबाई होल्कर की इसी कार्यप्रणाली को देख कर के वहां के लोग अहिल्याबाई होल्कर को अपना भगवान मानते थे। अहिल्याबाई होल्कर ने पीड़ित लोगों के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। अहिल्याबाई होल्कर एक उज्जवल चरित्र वाली पतिव्रता स्त्री, उदय विचारों वाली महिला और ममतामई मां के रूप में साबित हुई।
अहिल्याबाई होल्कर का जन्म वर्ष 31 मई 1725 को महाराष्ट्र राज्य के चौंढी नामक गांव (जामखेड, अहमदनगर) में हुआ था। वह एक सामान्य से किसान की पुत्री थी। उनके पिता मान्कोजी शिन्दे के एक सामान्य किसान थे। सादगी और घनिष्ठता के साथ जीवन व्यतीत करने वाले मनकोजी की अहिल्याबाई एकमात्र अर्थात इकलौती पुत्री थी।
अहिल्याबाई बचपन के समय में सीधी साधी और सरल ग्रामीण कन्या थी। अहिल्याबाई होल्कर भगवान में विश्वास रखने वाली औरत थी और वह प्रतिदिन शिवजी के मंदिर पूजन आदि करने आती थी।
मित्रों यह पोस्ट Ek Tukda Gayab Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और Ek Tukda Gayab Pdf की तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।