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Bible Pdf in Hindi Download
पुस्तक का नाम | Bible Pdf in Hindi |
पुस्तक के लेखक | — |
भाषा | हिंदी |
साइज | 52.6 Mb |
पृष्ठ | 804 |
फॉर्मेट | |
श्रेणी | धार्मिक |
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बाइबल pdf in Hindi
अध्याय 1 आरम्भ में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की 2 और पृय्वी शून्य और सूनी हो गई, और गहिरे देश पर अन्धेरा छा गया; 3 और परमेश्वर ने कहा, ज्योति बनो।
और प्रकाश उत्पन्न हुआ 4 और परमेश्वर ने उस ज्योति को देखा, कि वह अच्छी है; और उस ने उजियाले को अन्धियारे से अलग किया 5 और उस ने उजियाले को दिन और अन्धकार को रात कहा; और एक दिन साँझ और भोर हुई।
6 और परमेश्वर ने कहा, जल के बीच में एक आकाश बनाया जाए, और वह जल को जल में से अलग कर दे। 8 और परमेश्वर ने उस आकाश को स्वर्ग कहा; और सांझ और भोर दूसरे दिन थे।
9 परमेश्वर ने यह भी कहा; आकाश के नीचे का जल एक स्थान में इकट्ठा हो जाए, और सूखी भूमि दिखाई दे। 10 और परमेश्वर ने सूखी भूमि का नाम पृय्वी रखा; और जल को इकट्ठा करके उस ने समुद्र को बुलाया।
11 तब परमेश्वर ने देखा, कि अच्छा है। 12 और पृय्वी ने हरी घास, और जो अपनी जाति के अनुसार बीज उत्पन्न करती है, और जो पेड़ फल देता है, उस में एक एक की जाति के अनुसार बीज उत्पन्न हुए।
13 और सांझ और भोर को तीसरा दिन हुआ। , और ऋतुओं के लिए, और दिनों और वर्षों के लिए: 15 स्वर्ग के आकाश में चमकने के लिए, और पृथ्वी पर प्रकाश देने के लिए, और ऐसा ही किया गया था।
16 और भगवान ने दो बड़ी रोशनी बनाई: दिन पर शासन करने के लिए एक बड़ी रोशनी; और रात पर शासन करने के लिए एक कम रोशनी: और सितारों।
17 और उसने उन्हें आकाश के आकाश में पृथ्वी पर चमकने के लिए स्थापित किया। 18 और दिन और रात पर शासन करने के लिए, और प्रकाश और अंधेरे को विभाजित करने के लिए।
और परमेश्वर ने देखा, कि अच्छा है। 21 और परमेश्वर ने बड़ी बड़ी मछलियां, और सब जीवित, रेंगनेवाले जन्तु, जिनको जल अपनी जाति के अनुसार उत्पन्न करता है, और सब पंख वाले पक्षी अपक्की जाति के अनुसार उत्पन्न किए। और भगवान ने देखा कि यह अच्छा था।
22 और उस ने उन्हें यह कहकर आशीष दी, कि बढ़ा, और बढ़ा, और समुद्र का जल भर दे; और पक्षी पृय्वी पर बहुत बढ़ जाएं। 23 और सांझ और भोर का पांचवा दिन था।
24 और परमेश्वर ने कहा, पृय्वी लाए अपनी जाति के जीवधारी, और घरेलू पशु, और रेंगनेवाले जन्तु, और पृय्वी के जन्तु अपके जाति के अनुसार उत्पन्न करें। 25 तब परमेश्वर ने पृय्वी के सब पशुओं, और घरेलू पशुओं, और पृय्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओं को उनके जाति के अनुसार बनाया: और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।
26 और उस ने कहा, चलो मनुष्य हमारी छवि और समानता के अनुसार: और समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और जानवरों, और सारी पृथ्वी पर, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सभी जीवों पर अधिकार करे।
27 और परमेश्वर ने मनुष्य को बनाया अपनी ही मूरत के अनुसार उस ने परमेश्वर की मूरत के लिये उसको उत्पन्न किया; नर और नारी करके उस ने उनकी सृष्टि की।
28 और परमेश्वर ने उन्हें यह कहकर आशीष दी, कि बढ़ा, और बढ़ा, और पृथ्वी में भर जा, और उसको अपने वश में कर, और समुद्र की मछलियों पर अधिकार कर।
29 और परमेश्वर ने कहा, सुन, मैं ने पृय्वी पर जितने भी बीजवाले पौधे, और जितने वृक्ष हैं, उन सभोंको मैं ने तुम को दे दिया है, 30 और पृय्वी के सब पशुओं, और आकाश के सब पक्की, और सब रेंगनेवालोंके लिथे अपके मांस बनो।
पृय्वी, और जिसमें जीवन है, जिस से उनका भरण-पोषण हो सके। 31 और जो कुछ उस ने बनाया था, उस सब को परमेश्वर ने देखा, और वे बहुत अच्छे थे। और साँझ और भोर छठवें दिन थे।
अध्याय 2
तब आकाश और पृय्वी और उन का सारा सामान समाप्त हो गया 2 और परमेश्वर ने अपना काम जो उस ने किया था सातवें दिन पूरा किया, और सातवें दिन विश्राम किया 3 और उस ने सातवें दिन को आशीष दी, और उसे पवित्र ठहराया, क्योंकि उस में उस ने अपके सब कामोंसे जिसे परमेश्वर ने रचा और बनाया था विश्राम किया था।
जब वे सृजी गईं, जिस दिन यहोवा परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी को बनाया, 5 और भूमि पर उगने से पहिले मैदान के सब पौधे, और भूमि के सब छोटे छोटे छोटे पौधे उगने से पहिले, क्योंकि परमेश्वर यहोवा ने पृथ्वी पर वर्षा नहीं हुई; और पृय्वी की जुताई करने वाला कोई न था।
8 और यहोवा परमेश्वर ने आरम्भ से ही आनन्द का एक स्वर्ग लगाया, जिसमें उस ने मनुष्य को, जिसे उस ने रचा या, रखा। 9 और यहोवा परमेश्वर ने भूमि में से सब प्रकार के सुन्दर वृक्ष उत्पन्न किए देखने के लिए, और खाने के लिए सुखद: स्वर्ग के बीच में जीवन का पेड़ भी: और अच्छे और बुरे के ज्ञान का पेड़।
10 और एक नदी स्वर्ग में पानी के लिए निश्चित रूप से पानी के स्थान से निकल गई, जो वहां से है 11 एक का नाम फ़िसोन है, वही हेवीलात के सारे देश को, जहां सोना उगता है, घेर लेता है।
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