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Bankelal Comics Pdf Hindi / बांकेलाल कॉमिक्स पीडीएफ फ्री डाउनलोड

मित्रों इस पोस्ट में Bankelal Comics Pdf Hindi दी जा रही है। आप नीचे की लिंक से Bankelal Comics Pdf Hindi Download कर सकते हैं और आप यहां से  युगांधर बुक Pdf Download कर सकते हैं।

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Bankelal Comics Pdf Hindi 

 

 

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Bankelal Comics Pdf Hindi
घुड़लोक का खजाना Pdf Download
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Bankelal Comics Pdf
बांकेलाल और बुलबुला का दैत्य Pdf Download
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Bankelal Comics Pdf Hindi
चोटी हो गयी मोटी Pdf Download
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दर्द पुराण Pdf Download
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शीला और नीरज

 

 

 

शीला एक अनाथ लड़की थी। उसके माता-पिता स्वर्ग को सिधार गए थे। शीला अब अपने मौसी के घर रहती थी। उसकी मौसी का नाम अनु था।

 

 

 

 

अनु शीला से अपने घर का सारा काम करवाती थी और खाने के लिए भोजन भी नहीं देती थी। जिसके कारण वह पतली हो गई थी और उसकी आंखो के नीचे काले रंग के घेरे उभर आए थे।

 

 

 

 

शीला रोज सुबह पास के दुकान से अपने मौसी के लिए नाश्ता लेकर आती थी। एक दिन शीला ने दुकान मालिक से कहा, “अंकल मेरी आंखो के नीचे काले घेर उभर आए है। इसे ठीक करने के लिए कोई अच्छा सा डा. बताइए जो इस काले घेर को खत्म कर दे ?”

 

 

 

 

 

दुकान मालिक का नाम नीरज था। नीरज ने कहा, “हां, मैं एक ऐसे डा. को जानता हूँ जो आंखो के काले घेरे को खत्म कर देगा तुम कोई अच्छा सा समय देखकर हमारे दुकान पर आ जाना मैं तुम्हे डा. के पास लेकर जाऊंगा।”

 

 

 

 

 

शीला घर चली गई। रात के समय जब उसकी मौसी गहरी नींद में सो गई तो शीला घर से निकलकर नीरज की दुकान पर गई। नीरज अपनी दुकान पर शीला के आने से पहले ही आ गया था।

 

 

 

 

नीरज ने शीला को अपनी बाइक पर बैठाया और डा. के पास जाने लगा। अंधेरी रात होने के कारण नीरज को रास्ता अच्छी तरह दिखाई नहीं दे रहा था।

 

 

 

 

 

नीरज जिस रास्ते से डा. के पास शीला को लेकर जा रहा था। वह एक जंगल से होकर गुजरता था। जंगल काफी घना था। रास्ता भी खराब था। अचानक से उसकी बाइक एक गड्ढे में जा गिरी और दोनों घायल हो गए थे। नीरज को गहरी चोट आ गई थी।

 

 

 

 

 

कुछ ही दूरी पर एक राक्षस तपस्या कर रहा था। वह अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए लड़को को ढूंढ रहा था जिसकी बलि देकर वह अपनी शक्ति बढ़ा लेता।

 

 

 

 

वह मनुष्यो को ढूंढते हुए उस जगह पहुँच गया जहां शीला और नीरज घायल पड़े हुए थे। वह शीला और नीरज को स्वस्थ कर दिया।

 

 

 

 

शीला अब पूरी तरह स्वस्थ हो गई थी उसकी आंखो के काले घेरे भी खत्म हो चुके थे। लेकिन वह राक्षस नीरज को अपने साथ लेकर जाने लगा।

 

 

 

 

तब शीला ने राक्षस से कहा, “तुम नीरज को छोड़ दो उसके बदले तुम मुझे अपने साथ ले चलो।”

 

 

 

 

इसपर राक्षस ने कहा, “नहीं, मुझे लड़को की आवश्यकता है अगर तुम्हे नीरज को छुड़ाना है तो तुमको मेरा एक काम करना होगा ?”

 

 

 

 

शीला ने पूछा, “कौन सा काम। मैं तुम्हारा हर काम करने के लिए तैयार हूँ लेकिन नीरज को छोड़ दो।”

 

 

 

 

राक्षस ने कहा, “पहले तुम मेरा काम पूरा करो मैं नीरज को आजाद कर दूंगा।”

 

 

 

 

उसने फिर शीला को एक जादुई फूल देते हुए कहा, “तुम्हे यह गुलाब का फूल दस लड़को को देना है। यह फूल उनके हाथ में जाते ही वह मेरे कब्जे में हो जाएगे और मैं उन लोगो की बलि चढ़ा दूंगा जिससे मैं इस दुनिया का सबसे ताकतवर राक्षस बन जाऊंगा तब मुझे कोई नहीं मार सकेगा। अगर यह काम 20 दिन के भीतर पूरा नहीं कर पाओगी तो तुम लंगड़ी हो जाओगी और बदसूरत हो जाओगी।  यह काम पूरा होते ही नीरज तुमको मिल जाएगा।”

 

 

 

 

यह कहते हुए उसने एक गुलाब का फूल शीला को दे दिया और वहां से चला गया। शीला अब असमंजस में पड़ गई। अचानक उसके मन में ख्याल आया कि दो लोगो के कारण 20 लोगो की जंदगी नहीं खराब करनी चाहिए।

 

 

 

 

धीरे-धीरे समय गुजरता गया। 18 दिन पूरा हो चुका था। उसने उस गुलाब के फूल को एक कुए में फेक दिया। समय समाप्त होते ही वह बदसूरत और लंगड़ी बन गई चुकी थी।

 

 

 

 

उधर नीरज ने हनुमान चालीसा पढ़कर उस राक्षस को मृत्यु के घाट उतार दिया और भागते हुए शीला के पास आ पहुंचा। शीला की ऐसी दशा देखकर नीरज ने पूछा, “यह सब कैसे हो गया ?”

 

 

 

 

शीला ने उसे पूरी कहानी बता दिया। शीला के इस नेक कार्य से नीरज बहुत खुश हुआ और उसने शीला से विवाह कर लिया और दोनों ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगे।

 

 

 

 

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