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Andha Yug Pdf Download
पुस्तक का नाम | Andha Yug |
पुस्तक के लेखक | धर्मवीर भारती |
फॉर्मेट | |
भाषा | हिंदी |
साइज | 1.1 Mb |
पृष्ठ | 138 |
श्रेणी | नाटक |


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सिर्फ पढ़ने के लिये
जपा के एक लाख फूलो से की हुई पूजा शत्रुओ को मृत्यु देने वाली होती है। करबीर के एक लाख फूल यदि शिवपूजन के उपयोग में लाये जाए तो वे यहां रोगो का उच्चाटन करने वाले होते है। बंधूक के फूलो द्वारा पूजन करने से आभूषण की प्राप्ति होती है।
चमेली से शिव की पूजा करके मनुष्य वाहनों को उपलब्ध करता है इसमें संशय नहीं है। अलसी के फूलो से महादेव जी का पूजन करने वाला पुरुष भगवान विष्णु को प्रिय होता है। शमीपत्रो से पूजा करके मनुष्य मोक्ष प्राप्त कर लेता है। बेला के फूल चढ़ाने पर भगवान शिव अत्यंत शुभ लक्षणा पत्नी प्रदान करते है।
जूही के फूलो से पूजा की जाय तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। कनेर के फूलो से पूजा करने पर मनुष्यो को वस्त्र की प्राप्ति होती है। सेदुआरी या शेफालिका के फूलो से शिव का पूजन किया जाय तो मन निर्मल होता है। एक लाख विल्वपत्र चढ़ाने पर मनुष्य अपनी सारी काम्य वस्तुए प्राप्त कर लेता है।
श्रृंगारहर के फूलो से पूजा करने पर सुख सम्पत्ति की वृद्धि होती है। वर्तमान ऋतु में पैदा होने वाले फूल यदि शिव की सेवा में समर्पित किए जाय तो वे मोक्ष देने वाले होते है इसमें संशय नहीं है। राई के फूल शत्रुओ को मृत्यु प्रदान करने वाले होते है।
इन फूलो को एक-एक लाख की संख्या में शिव के ऊपर चढ़ाया जाय तो भगवान शिव प्रचुर फल प्रदान करते है। चम्पा और केवड़े को छोड़कर शेष सभी फूल भगवान शंकर को चढ़ाये जा सकते है। विप्रवर! महादेव जी के ऊपर चावल चढ़ाने से मनुष्यो की लक्ष्मी बढ़ती है।
ये चावल अखंडित होने चाहिए और इन्हे उत्तम भक्ति भाव से शिव के ऊपर चढ़ाना चाहिए। रूद्र प्रधान मंत्र से पूजा करके भगवान शंकर के ऊपर बहुत सुंदर वस्त्र चढ़ाये और उसी पर चावल रखकर समर्पित करे तो उत्तम है। भगवान शिव के ऊपर पुष्प, गंध आदि के साथ एक श्रीफल चढ़ाकर धूप आदि निवेदन करे तो पूजा का पूरा-पूरा फल प्राप्त होता है।
वहां भगवान शिव के नजदीक बारह ब्राह्मणो को भोजन कराये। इससे मंत्र पूर्वक सांगोपांग लक्ष पूजा सम्पन्न होती है। जहां सौ मंत्र जपने की विधि हो वहां एक सौ आठ मंत्र जपने का विधान किया गया है। तिलो द्वारा शिव जी को एक लाख आहुतियां दी जाय अथवा एक लाख तिलो से शिव की पूजा की जाय तो वह बड़े-बड़े पातको का नाश करने वाली होती है।
जौ द्वारा की हुई शिव की पूजा स्वर्गीय सुख की वृद्धि करने वाली है ऐसा ऋषियों का कथन है। ग्रहण के बने हुए पकवान से की हुई शंकर जी की पूजा निश्चय ही बहुत उत्तम मानी गयी है। यदि उससे एक लाख बार पूजा हो तो उससे संतान की वृद्धि होती है।
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