नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Aghor Mantra Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Aghor Mantra Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से Navnath Mantra Pdf भी पढ़ सकते हैं।
Aghor Mantra Pdf / अघोर मंत्र पीडीएफ





सिर्फ पढ़ने के लिए
ब्राह्मण, मंत्री, माताएं और गुरु आदि गिने चुने लोगो को साथ लिए हुए, भरत जी लक्ष्मण जी और शत्रुघ्न जी पवित्र आश्रम को चले।
चौपाई का अर्थ-
1- सीता जी आकर मुनि श्रेष्ठ वशिष्ठ जी के चरण से लगी और उन्होंने मनमांगी आशीष पायी। फिर मुनियो की स्त्रियों सहित गुरु पत्नी अरुंधती जी से मिली उनका प्रेम कहने नहीं आता है।
2- सीता जी ने अलग-अलग सबके चरण वंदन करके हृदय के अनुकूल प्रिय लगने वाले आशीर्वाद पाए। जब सुकुमारी सीता जी ने सब सासुओ को देखा, तब सहमकर अपनी आँखे बंद कर ली।
3- सासुओ की बुरी दशा देखकर उन्हें ऐसा प्रतीत हुआ मानो कई राजहंसिनी बधिक के वश में पड़ गयी हो। मन में सोचने लगी कि विधाता ने ऐसी कुचाल क्यो चल दिया? उन्होंने भी सीता जी को देखकर बहुत ही दुःख पाया सोचा जो कुछ दैव सहावे, सब सहना पड़ता है।
4- तब जानकी जी हृदय में धीरज रखकर नील-कमल के समान नेत्र में जल भरकर, सब सासुओ से जाकर मिली उस समय पृथ्वी पर करुणा छा गई।
246- दोहा का अर्थ-
सीता जी सबके पैर से लगकर अत्यंत प्रेम से मिल रही है और सासुएँ स्नेह वश हृदय से आशीर्वाद दे रही है कि तुम सदा सौभाग्यवती रहो।
चौपाई का अर्थ-
1- सीता जी और सब रानियां स्नेह से बहुत ही व्याकुल है। तब ज्ञानी गुरु ने सबको जाने के लिए कहा, फिर मुनिनाथ वशिष्ठ जी ने कहा यह जगत माया से भरा हुआ है इसमें कुछ भी नित्य नहीं है। उसके बाद फिर परमार्थ की कथाये कही।
मित्रों, यह पोस्ट Aghor Mantra Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और इस तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।